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त्रिवेणी घाट ऋषिकेश | धार्मिक महत्व, गंगा आरती, कैसे पहुँचे?

त्रिवेणी घाट ऋषिकेश | धार्मिक महत्व, गंगा आरती, कैसे पहुँचे?

भारत में कई धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल हैं, लेकिन ऋषिकेश का त्रिवेणी घाट अपनी विशेष पवित्रता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह घाट न केवल गंगा नदी के तट पर स्थित एक तीर्थस्थल है, बल्कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव भी प्रदान करता है।

त्रिवेणी घाट का धार्मिक महत्व

त्रिवेणी घाट का नाम ही इस बात का प्रतीक है कि यह तीन पवित्र नदियों—गंगा, यमुना और सरस्वती—के संगम का स्थान है। हालांकि भौतिक रूप से यमुना और सरस्वती यहाँ प्रकट नहीं होतीं, लेकिन माना जाता है कि वे भूमिगत रूप से यहाँ मिलती हैं। यह स्थल हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है और कहा जाता है कि यहां स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है।

पुराणों और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान कृष्ण ने अपने जीवनकाल में इस स्थान पर विश्राम किया था। यही कारण है कि त्रिवेणी घाट को कई संतों, ऋषियों और भक्तों का पसंदीदा स्थल माना जाता है।

गंगा आरती 

त्रिवेणी घाट की सबसे प्रमुख विशेषता यहाँ की संध्या गंगा आरती है। प्रतिदिन सूर्यास्त के समय, घाट पर भव्य आरती का आयोजन किया जाता है, जिसमें अनेक श्रद्धालु, पर्यटक और संतगण भाग लेते हैं। घंटियों की मधुर ध्वनि, मंत्रोच्चारण और दीपों की जगमगाती रोशनी से पूरा वातावरण आध्यात्मिकता से भर जाता है। जब श्रद्धालु जल में दीप प्रवाहित करते हैं, तो गंगा की लहरों पर तैरते दीपों का दृश्य मन को शांति और भक्ति की अनुभूति कराता है।

त्रिवेणी घाट पर अन्य धार्मिक गतिविधियाँ

  • पिंडदान और तर्पण: कई श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यहाँ पिंडदान और तर्पण करते हैं।
  • गायों को चारा खिलाना: यहाँ पर श्रद्धालु गौसेवा भी करते हैं, जिसे हिंदू धर्म में पुण्यदायी माना जाता है।
  • योग और ध्यान: ऋषिकेश को "योग नगरी" कहा जाता है, और त्रिवेणी घाट पर कई साधक ध्यान और साधना में लीन देखे जा सकते हैं।
  • संत-महात्माओं का सत्संग: यहाँ पर कई संतों और गुरुओं द्वारा प्रवचन और सत्संग भी आयोजित किए जाते हैं।

कैसे पहुँचे त्रिवेणी घाट?

ऋषिकेश उत्तराखंड में स्थित है और देश के विभिन्न हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

  • हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (देहरादून) है, जो ऋषिकेश से लगभग 21 किलोमीटर दूर है।
  • रेल मार्ग: ऋषिकेश रेलवे स्टेशन घाट से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • सड़क मार्ग: ऋषिकेश बस सेवा द्वारा दिल्ली, हरिद्वार, देहरादून और अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

निष्कर्ष

त्रिवेणी घाट सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र भी है। यहाँ का दिव्य वातावरण, गंगा की अविरल धारा और भव्य गंगा आरती इसे हर तीर्थयात्री और प्रकृति प्रेमी के लिए अवश्य देखने योग्य स्थान बनाते हैं। अगर आप ऋषिकेश जा रहे हैं, तो त्रिवेणी घाट पर कुछ समय बिताना न भूलें—यह अनुभव आपको आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करेगा।