ऋषिकेश, जिसे “योग नगरी” कहा जाता है, इनमें सबसे लोकप्रिय गतिविधि है रिवर राफ्टिंग। गंगा नदी की तेज़ धाराओं में राफ्टिंग करना न केवल रोमांचकारी है, बल्कि यह आपको प्रकृति के साथ गहराई से जुड़ने का भी मौका देती है।
ऋषिकेश में राफ्टिंग का सीजन | rafting sesion in rishikesh
गर्मी का सीजन (मार्च से जून)
गर्मी के मौसम में राफ्टिंग करना बेहद आनंददायक होता है। इस दौरान तापमान 15°C से 35°C के बीच रहता है। साफ आसमान और तेज़ धारा राफ्टिंग के अनुभव को यादगार बनाते हैं।
सर्दी और वसंत का सीजन (सितंबर से नवंबर)
मानसून खत्म होने के बाद, गंगा नदी की धाराएं और तेज़ हो जाती हैं। सर्दियों के दौरान तापमान 10°C से 25°C के बीच होता है। यह समय अनुभवहीन और अनुभवी राफ्टर्स दोनों के लिए आदर्श है।
राफ्टिंग का समय और रूट्स | rafting timing and roots
ऋषिकेश में राफ्टिंग के लिए कई रूट्स उपलब्ध हैं। ये रूट्स उनकी लंबाई और कठिनाई के अनुसार अलग-अलग होते हैं:
ब्रह्मपुरी से ऋषिकेश (9 किमी)
ब्रह्मपुरी से ऋषिकेश तक राफ्टिंग का रूट उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त है जो पहली बार राफ्टिंग का अनुभव लेना चाहते हैं या हल्का रोमांच पसंद करते हैं। यह रूट छोटा, सुरक्षित और परिवारों या बच्चों के लिए परफेक्ट माना जाता है।
शिवपुरी से ऋषिकेश (16 किमी)
शिवपुरी से ऋषिकेश तक का राफ्टिंग रूट साहस और रोमांच का एक बेहतरीन संयोजन है। यह रूट मध्यम कठिनाई स्तर का है और राफ्टिंग के शौकीनों के बीच बेहद लोकप्रिय है। गंगा नदी की तेज़ धाराओं के बीच रोमांचकारी अनुभव और आसपास के सुंदर दृश्य इसे खास बनाते हैं।
मरीन ड्राइव से ऋषिकेश (24 किमी)
मरीन ड्राइव से ऋषिकेश तक का राफ्टिंग रूट उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो राफ्टिंग में एक साहसिक और लंबा अनुभव चाहते हैं। यह रूट रोमांच और प्राकृतिक सुंदरता का एक आदर्श मिश्रण है। इसके तेज़ और चुनौतीपूर्ण रैपिड्स आपको एड्रेनालिन रश का अनुभव कराएंगे।
कौडियाला से ऋषिकेश (35 किमी)
कौडियाला से ऋषिकेश तक का राफ्टिंग रूट गंगा नदी पर सबसे चुनौतीपूर्ण और रोमांचकारी रूट्स में से एक है। यह रूट अनुभवी राफ्टर्स के लिए उपयुक्त है, क्योंकि इसमें कठिन रैपिड्स और लंबी दूरी शामिल है। यह यात्रा रोमांच, साहस और प्रकृति के साथ गहरे जुड़ाव का बेहतरीन अनुभव प्रदान करती है।
राफ्टिंग के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें | Safety tips for River Rafting
- लाइफ जैकेट और हेलमेट पहनना अनिवार्य है।
- प्रशिक्षित गाइड के निर्देशों का पालन करें।
- बच्चों और बुजुर्गों को हल्के रूट्स पर जाने की सलाह दी जाती है।
- तैराकी न आने पर घबराने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन गाइड को पहले से सूचित करें।