भारत के भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित ऋषिकेश, अपने धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहां गंगा नदी पर बने दो ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित पुल – लक्ष्मण झूला और राम झूला – पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। दोनों पुलों का गंगा नदी को पार करने के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन इनके निर्माण, इतिहास और महत्व में कई भिन्नताएं हैं।
लक्ष्मण झूला और राम झूला में अंतर? | Ram Jhula aur Laxman jhula me antar
लक्ष्मण झूला | Laxman jhula | राम झूला | Ram Jhula | |
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इतिहास और महत्व | यह पुल भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण से जुड़ा हुआ है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, लक्ष्मण ने गंगा नदी को पार करने के लिए यहां एक जूट की रस्सी का सहारा लिया था। 1929 में इस स्थान पर एक लोहे का झूला पुल बनाया गया। यह पुल करीब 450 फीट लंबा है और गंगा नदी के ऊपर 70 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। | यह पुल भगवान राम को समर्पित है और 1986 में बनाया गया था। राम झूला स्वर्गाश्रम और शिवानंद आश्रम जैसे आध्यात्मिक स्थलों को जोड़ता है। |
विशेषताएं |
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लक्ष्मण झूला और राम झूला न केवल गंगा नदी को पार करने के साधन हैं, बल्कि ये पुल ऋषिकेश की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी हैं। इनका निर्माण विभिन्न समयों में हुआ और दोनों का अपना-अपना महत्व है। लक्ष्मण झूला प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व रखता है, जबकि राम झूला अधिक आधुनिक और व्यावहारिक है। यदि आप ऋषिकेश जाते हैं, तो इन दोनों पुलों की यात्रा अवश्य करें और गंगा के शांत और पवित्र वातावरण का अनुभव लें।