उत्तराखंड की सुंदर वादियों में स्थित कुंजापुरी मंदिर, माँ दुर्गा को समर्पित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर हिमालय की गोद में स्थित है, और यहाँ से गंगा नदी, ऋषिकेश और हरिद्वार के अद्भुत दृश्य दिखाई देते हैं। श्रद्धालुओं के साथ-साथ प्रकृति प्रेमी और ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए भी यह जगह बेहद खास है।
कुंजापुरी मंदिर का इतिहास
कुंजापुरी मंदिर को शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में अपने आप को अग्नि को समर्पित किया, तो भगवान शिव उनके मृत शरीर को लेकर ब्रह्मांड में घूमते रहे। इस दौरान जहाँ-जहाँ उनके शरीर के अंग गिरे, वहाँ-वहाँ शक्ति पीठों का निर्माण हुआ। कुंजापुरी मंदिर उसी स्थान पर स्थित है जहाँ देवी सती का वक्षभाग गिरा था। यह मंदिर श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है।
ऋषिकेश से कुंजापुरी मंदिर की दूरी
कुंजापुरी मंदिर, ऋषिकेश से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह समुद्र तल से लगभग 1,645 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। मंदिर तक पहुँचने के लिए अंतिम 1 किलोमीटर की चढ़ाई सीढ़ियों के माध्यम से करनी पड़ती है।
किराया और अन्य खर्चे
- टैक्सी का किराया: ऋषिकेश से कुंजापुरी के लिए टैक्सी का किराया ₹1,500 से ₹2,500 (राउंड ट्रिप) के बीच हो सकता है।
- बस किराया: बस सेवा का किराया ₹50 से ₹100 के बीच होता है।
- गाइड शुल्क (वैकल्पिक): यदि आप ट्रेकिंग करते हैं, तो गाइड का शुल्क ₹500 से ₹1,000 हो सकता है।
कुंजापुरी मंदिर तक कैसे पहुंचे?
- सड़क मार्ग: ऋषिकेश से टैक्सी या कैब किराए पर लेकर कुंजापुरी मंदिर तक आसानी से पहुँचा जा सकता है। यह यात्रा लगभग 1 घंटे की होती है।
- बस सेवा: ऋषिकेश से नरेन्द्र नगर के लिए बसें उपलब्ध हैं। वहाँ से टैक्सी या ऑटो लेकर मंदिर तक जाया जा सकता है।
- ट्रेकिंग: ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए कुंजापुरी एक लोकप्रिय स्थान है। ऋषिकेश से ट्रेकिंग मार्ग से मंदिर तक पहुँचने में लगभग 3-4 घंटे का समय लगता है।
बेहतर समय यात्रा के लिए
कुंजापुरी मंदिर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल तक का होता है। इन महीनों में मौसम सुहावना और यात्रा के लिए उपयुक्त होता है।
निष्कर्ष
कुंजापुरी मंदिर, ऋषिकेश की यात्रा का एक अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक शांति का संगम भी प्रस्तुत करता है। यदि आप उत्तराखंड की यात्रा पर हैं, तो कुंजापुरी मंदिर को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें।