गीता भवन ऋषिकेश, उत्तराखंड में गंगा नदी के किनारे स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्र है। यह स्थान न केवल आध्यात्मिक साधकों और भक्तों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है, बल्कि प्राकृतिक सुंदरता, योग, ध्यान और सत्संग के लिए भी प्रसिद्ध है। यह भवन भारतीय संस्कृति और वेदांत दर्शन को समझने और आत्मसात करने का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है।
स्थापना और इतिहास
गीता भवन की स्थापना सनातन धर्म और वेदांत विचारधारा के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से की गई थी। इसे स्वामी श्रीराम सुक्खदास जी महाराज द्वारा स्थापित किया गया था, जो श्रीमद्भगवद गीता के महान ज्ञाता थे। इस भवन का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को निःशुल्क आवास, सत्संग, धार्मिक साहित्य और आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान करना था।
गीता भवन में होने वाली गतिविधियां
श्रीमद्भगवद गीता और अन्य धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन
गीता भवन में श्रीमद्भगवद गीता, रामायण, महाभारत, उपनिषद और अन्य धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या और पाठ किए जाते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु इन ग्रंथों का अध्ययन कर सकते हैं और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
अखंड सत्संग और प्रवचन
यहां नियमित रूप से संतों और विद्वानों द्वारा प्रवचन और सत्संग का आयोजन किया जाता है। इन प्रवचनों में वेदांत दर्शन, भक्ति योग, कर्म योग और ध्यान साधना की शिक्षा दी जाती है।
मुक्त आवास और भोजन व्यवस्था
गीता भवन में हजारों श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त आवास की सुविधा उपलब्ध है। यहां ठहरने वाले भक्तों को सादा और सात्विक भोजन भी निःशुल्क दिया जाता है।
योग और ध्यान केंद्र
ऋषिकेश को 'योग नगरी' कहा जाता है, और गीता भवन में योग और ध्यान की कक्षाएं भी आयोजित की जाती हैं। यहां आने वाले साधक और पर्यटक योग और ध्यान की गहराई से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य और गंगा स्नान
गीता भवन गंगा नदी के किनारे स्थित है, जिससे यहां का वातावरण अत्यंत शांत और आध्यात्मिक हो जाता है। यहां गंगा आरती का दिव्य अनुभव लिया जा सकता है, जो भक्तों के मन को शांति और आनंद प्रदान करता है।
धार्मिक पुस्तकालय और साहित्य केंद्र
गीता भवन में एक विशाल पुस्तकालय भी है, जहां धार्मिक और आध्यात्मिक ग्रंथ उपलब्ध हैं। यहां से भक्तजन गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित पुस्तकें भी प्राप्त कर सकते हैं।
कैसे पहुंचें?
गीता भवन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट (देहरादून) है, जो लगभग 21 किलोमीटर दूर है। ऋषिकेश बस स्टैंड से गीता भवन तक ऑटो और टैक्सी की सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हैं।
निष्कर्ष
गीता भवन, ऋषिकेश न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह आध्यात्मिक जागरूकता और ज्ञान का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी है। यहां की आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुंदरता श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति प्रदान करती है। यदि आप आध्यात्मिकता, योग, ध्यान और भारतीय संस्कृति को करीब से अनुभव करना चाहते हैं, तो गीता भवन ऋषिकेश का दौरा अवश्य करें।